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Best Sex Treatment Clinic, Best Gupt Rog Clinic, Skin Problem Treatment, India, Bihar, Patna

  • Writer: Kayakalp Clinic Patna
    Kayakalp Clinic Patna
  • Dec 26, 2017
  • 13 min read

Updated: Jul 9, 2019

" SEX EDUCATION" BY SEXOLOGIST "............... 

'KAYA KALP CLINIC' PATNA BIHAR INDIA



'देश विदेश में ख्याति प्राप्त !! सुखमय जीवन के लिए पढ़े'

" काया कल्प ज्ञान "


डॉ० साहब सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक सम्मान माननीय मंत्रियो द्वारा ग्रहण करते हुऐ ! 

सन 1975 से पूर्वजो एवं प्रसिद्ध वैध द्वारा निर्मित शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक भस्म रस रसायन तथा दुर्लभ जड़ी बूटी का अचूक तथा अनोखा जाँचे हुए रसायन द्वारा असाध्य यौन एवं गुप्त रोगो का 100% वैज्ञानिक एवं आधुनिक विधियो द्वारा ईलाज में सफलता प्राप्त तथा देश विदेशो द्वारा सम्मानित सर्वश्रेष्ठ विश्वस्तरीय चिकित्सक ! यह अवार्ड उनके आयुर्वेद चिकित्सा के उत्थान एवं उत्कृष्ट योगदान तथा कई वर्सो के कठिन परिश्रम एवं खोज द्वारा अपने अनुभवों से आयुर्वेदिक जड़ी बूटी संसार प्रशिध भस्मो के द्वारा असाध्य यौन रोग का ईलाज करने में सफलता भी प्राप्त की है !रोगो का सफल ईलाज करने के कारण इन्हे ..........सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक सम्मान, आयुर्वेद रत्न, आयुर्वेद शिरोमणी, पाटलिपुत्रा चरक सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कार जापान रेयूकई स्वास्थ्य पुरस्कार से भी पुरस्कृत तथा अनको देश विदेश की बड़े बड़े सम्मान से भी सम्मानित किये गए है ! इनके द्वारा आयुर्वेद जड़ी बूटी रस रसायन संसार प्रशिध भस्मो द्वारा जबर्दस्त मर्दाना ताकत एवं मस्त जवानी प्राप्त करने की लिए आज ही मिले !


शादी की पहले !


1.कुसंगति से हमेशा बचें ! गंदे किताब न पढ़े ! 2.सदैव अपने अमूल्य रत्न ( वीर्य ) की रक्षा करें ! 3.सम्भोग अधिक मात्रा में करना अपने जीवन से खिलवाड़ करना है ! 4.माहवारी की समय सम्भोग करना बीमारी को न्योता देना है ! वेशयाओं से सदा दूर रहें ! इनके संपर्क से धन दौलत तो नष्ट होता है साथ ही स्वास्थ भी ख़राब होता है ! और सिफलिश,गोनोरिआ,एड्स जैसे घृ्णित रोग भी हो सकता है ! 


याद रखिए ! ........................

विवाह से पूर्व अपना शारीरिक निरिक्षण तथा परीक्षण किसी अनुभवी योग गुप्त रोग विशेषज्ञ ( SEXOLOGIST ) से अवश्य करवा ले ताकि शादी के बाद पछताना न पड़े ! दुनिया में इस रोगो के ईलाज करने वाले अनेक चिकित्सक है ! लकिन चिकित्सक वही जो निःस्वार्थ भाव से के जाए !


शादी के बाद !


जो नवयुवक बाल्यावस्था में ही गलत काम एवं हस्तमैथुन गुदा मैथुन या अप्राकृतिक मैथुन ( HAND PRACTICES ) से अपने वीर्य का ह्रास कर बैठता है ! उसका वीर्य पतला हो जाता है और काम वासना हेतु जब पत्नी के पास जाता है तो पत्नी को सन्तुस्ट किये बिना (DISCHARGE) हो जाता है ! जिससे स्त्री अंदर ही अंदर कुढ़ती रहती है ! ठीक उसी प्रकार जैसे बिन पानी के मछलिया ! ऎसे औरत अपनी प्यास बुझाने के लिए शर्म हया के परवाह न कर किसी भी नौजवान, नौकर, पड़ोसी या रिस्तेदार से मिलकर अपना जोश ठंडा करने के लिए क्या कुछ नहीं कर गुजरती है ! जिसका परिणाम है कि धर्म शर्म तथा ईज्जत सब मिट्टी में मिल जाते है ! वास्तव में ऎसे नवयुवक स्त्री को संसार के सारे सुख ऐश आराम क्यू न दे दें ! पर उन्हें संतोष और मन की शांति तथा सच्चा सुख नहीं दिला सकते क्यूंकि पत्नी आयु भर " धन की भूखी नहीं बल्कि वास्तविक आनंद की भूखी होती है " ! जब उन्हें वास्तविक आनंद प्राप्त नहीं होता तो वे जहरीली नागिन की रूप धारण कर लेती है ! कमजोर पुरुष अपनी कमजोरी भले ही अपने मित्रो से छुपा ले लकिन पत्नी से छुपना मुस्किल है ! क्योकि उसके पास जाते ही उसकी शक्ति की वास्तविक परीक्षा हो जाती है ! जिस तरह हीरे कि परख जौहरी कर लेता है ठीक उसी तरह स्त्री भी मर्द को परख लेती है ! पत्नी पुरुष की लिए मीटर की तरह है जो पुरुष कि शक्ति को शीघ्र माप लेती है ! चिकित्सा सम्बन्धी परामर्श की लिए आकर मिले या पत्र लिखे पत्र व्यवहार गुप्त रखा जाता है ! आयुर्वेद के द्वारा हमारे ईलाज से आपको सूर्य किरण क़ी तरह प्रकाश बिखेरने की शक्ति पैदा होगी ! जिससे आपका उपवन हरा भरा हो जायेगा एवं आप सभी असाध्य रोगो से मुक्ति पायेंगे ! आपकी समस्या है तो आपका समाधान भी है ! आप शर्मायेंगे तो आप ही पछतायेंगे ! शर्माना ही गुप्त रोग बढ़ाना है ! गुप्त रोग के रोगी बेहिचक निःसंकोच मित्रवत व्यवहार से रोग को बतायें एवं रोग से शीघ्र तथा स्थाई मुक्ति पायें !


हस्त मैथुन ! MASTERBATION 


बचपन की बाद युवावस्था अक्सर यौवन में कदम रखते ही नवयुवकों में असली शक्ति का संचार होता है ! यह उम्र ऐसी होती है कि इंसान को भटकते देर नहीं लगती और वे नासमझी में कुसंगति का शिकार होकर अपना अमूल्य रत्न ( SEMEN ) हाथ से निकालकर अपना यौवन तो बर्बाद करते ही है ! इसके साथ ही बुरे परिणामों से अनभिज्ञ रह जाते है (थोड़ी देर व आनंद पाने की लिए) जिसका परिणाम यह होता है कि ऎसे इंसान की इन्द्रियाँ टेढ़ी, छोटी,पतली, धातु, दुर्बल, पेशाब से वीर्यपात का होना, कमजोरी, प्रमेह, ( NERVOUS SYSTEM ) बिगड़ जाता है ! नसें फूल जाती है साथ ही ( SELF CONFIDENCE ) भी ख़त्म हो जाता है ! इसलिए मेरे राय यही है कि युवावस्था में ऎसे दुष्कर्मो से बचना ही बुद्धिमानी है !


हस्त मैथुन से नवयुवक निम्न बिमारियों का शिकार बन जाते है !


1. हस्त मैथुन से इन्द्रियाँ छोटी, पतली, निर्बल, और टेढ़ी हो जाती है ! दाएं - बाएँ झुक जाती है !


2. इंद्री की जड़ पतली हो जाती है ! जिसमें जोश नहीं हो पाता तथा इंद्री में कड़ापन की कमी हो जाती है !


3. थोड़ी बात करने पर चक्कर आ जाता है, तबियत में गुस्सापन हो जाता है !


4. वीर्य पतला होने से सुन्दर स्त्री का ख्याल करने या मुलायम कपड़े की रगड़ से वीर्यपात हो जाता है !


5. वीर्य पतला हो जाता है !


6. सम्भोग की समय की म्याद कम से कम 3 - 4 मिनट है ! यदि इससे पहले हे वीर्यपात हो जाये तो शीघ्रपतन का रोग ( PREMATURE EJACULATION ) कहते है !


7. इंद्री के नली में खारिश बड़ जाती है जिससे रोगी स्वपन में किसीस्त्री को देखता है और भोग बिलाश करता है ! जिससे वीर्य निकल जाने को स्वपनदोष या ( NIGHT EMISSION ) कहते है !


8. अंडकोष लटक जाते है ! मतलब यह की मनुष्य अपने ताकत खो बैठता है और अंत में नपुंसक हो जाता है !


"वीर्य शारीर का अमूल्य रत्न है "


अतः ( SEX EDUCATION ) : शरीर के गुप्त रोगो के जानकारी प्रत्येक नवयुवक के लिए नितान्त, आवश्यक है ! स्वपनदोष ( NIGHT EMISSION ) स्वपन में किसी स्त्री के साथ रति क्रिया करते हुए वीर्यपात का हो जाना ही स्वपनदोष ( NIGHT FALL ) कहलाता है ! जिन्होंने बचपन में अपने हाथ से या जिस प्रकार वीर्यवाहक नली (SPERMATIC CORD) को आघात पहुँचाया हो,और अपने वीर्य नस्ट किया हो,जिनके बिचार गन्दे हैं !लकिन समय पर निम्न बातो को ध्यान में ना रखा जाये तो यही रोग बढ़कर भयंकर रूप ले लेती हैं ! ऎसे वयक्ति को गहरी नींद में वीर्यपात हो जाती हैं और सुबह पता चलता हैं की रात को क्या हो गया था ! केवल कपड़े में वीर्य लगा पाया जाता हैं ! स्वपनदोष महीने में एक या दो बार हो जाना चिंताजनक नहीं, परन्तु अधिक स्वपनदोष होने से शारीर धुनें लकड़ी की तरह खोखला हो जाता हैं ! कमर में दर्द, सिर चकराना, दिल ज्यादा धड़कना, किसी काम में दिल ना लगना, भूख और नींद कम आना, अच्छा खाते हुए भी सेहत ना बनना, उठते - बैठते आँखो की तले अँधेरा आना, पढ़ा - लिखा याद ना रहना इत्यादि ! हमारी ईलाज से नया स्वपनदोष, नींद में स्वप्न देखकर वीर्यपात बंद हो जाता हैं ! हमरी दवा की सेवन से पुराना स्वपनदोष, स्वप्न देखे या बिना देखे, वीर्य पानी की तरह बह जाना, सुबह कमजोरी, सिर में चक्कर, कमर में दर्द, पढ़ने - लिखने में मन नहीं लगना, पढ़ा - लिखा भूल जाना आदि शिकायत समूल नस्ट हो जाता हैं !


धातुक्षीणता ( SPERMATORRHOEA )


पैखाना या पेशाब के समय लसदार धातु ( वीर्य ) निकलने को धातुक्षीणता ( शुक्रमेह ) कहते हैं ! मल - मूत्र त्याग के समय थोड़ा जोर लगाने से वीर्य निकल पड़ता है ! हस्तमैथुन, स्त्रियों के दर्शन, मल - मूत्र त्याग के समय जरा जोर लगाने पर ही वीर्यस्राव हो जाया करता है ! रोग के बढ़ने पर मन में बेचैनी, सलज्जा भाव स्मृति की हानि, निरुत्साह शारीरिक दुर्बलता, भूख की कमी, कब्जियत, पेट फूलना, छाती की धड़कन, सिर दर्द, एकाएक खड़ा होने पर अंधकार दिखाई देना, आँखों की किनारे कालेदाग,स्वपनदोष, अत्यधिक मैथुन इक्छा परन्तु लिंगोद्रक होते वीर्य स्वस्खलन, अन्त में नपुंसकता और पक्षाघात, शुरू में यह शिकायत स्वपनदोष और कब्ज़ की कारण होता है ! लकिन धीरे - धीरे वीर्य पानी की तरह पतला हो जाता है ! पेशाब करने से पहले या बाद में भी वीर्य निकलने लगता है ! फिर भी रोगी को यह पता तक नहीं चलता है कि पेशाब में वीर्य या धातु निकल रहा है ! अधिक धातु नाश होने पर मर्दाना ताकत चला जाता है ! पुरुष - स्त्री सम्भोग से हाथ धो बैठता है ! औलाद का मुँह देखना नसीब नहीं होता ! रोगी प्रतिदिन कमजोर होता जाता है ! परन्तु अपनी कमजोरी का कारण नहीं समझ सकता ! शुक्रमेह से सुस्ती और कमजोरी आने की कारण पुरुष हर बार स्त्री को कभी संतुस्ट नहीं कर पाते, स्त्री पुरुष से घृणा करने लगती है ! सिर दर्द, कब्जियत, गुप्त इन्द्रियां टेढ़ा पतला और छोटा हो जाता है ! धातुक्षीणता नवयुवकों को जल्दी बूढ़ा कर देने वाला रोग है ! हमारे दवा से पेशाब या पैखाना के रास्ते से वीर्य का बह जाना हस्तमैथुन के कुपरिणाम से हुए धातुक्षीणता बिलकुल मिट जाता है ! लम्बे समय तक स्वपनदोष, हस्तमैथुन, अति सम्भोग के कारण वीर्य नस्ट होने के बाद, कमजोरी, जवानी में उमंगें नस्ट हो जाने पर यह ईलाज जादू के तरह असर करता है !


शीघ्रपतन ( PREMATURE EJACULATION )


सम्भोग के समय वीर्य जल्दी निकल जाने को शीघ्रपतन कहते है ! जिस प्रकार पानी की भरी बोतल को उलटने से पानी जल्द गिर जाता है, परन्तु गाढ़ी शहद बोतल से जल्दी नहीं गिर पाता ! यही दशा वीर्य का है ! जिसका वीर्य पतला है वे सम्भोग में शीघ्र स्खलित हो जाते है, परन्तु जिनका वीर्य गाढ़ा होता है ! उनका वीर्य देर से निकलता है ! स्त्री का ख्याल आते ही लिंग में कुछ उत्तेजना आती है ! परन्तु अकारण वीर्यपात हो जाता है ! इस रोग से आक्रांत रोगी अपने इरादे में नाकामयाब और स्त्री की इक्छा पूरी करने में सदैब असफल रहता है ! अति हस्तमैथुन और स्त्री सम्भोग इसका प्रधान कारण है ! आप ही सोचे, प्यास से बेचैन आदमी के मुँह के पास पानी लाया जाये, जब वह प्यास बुझा कर तडपते दिल को आराम देना चाहे तभी पानी मुँह से अलग कर दिया जाए तो उसके ह्रदय पर क्या बीतेगी ! गलती पुरुष करे और सजा स्त्री भुगते ! ऐसे रोगियों पर मुझे बहुत दया आती है ! इस रोग में रोगी को अफीम आदि नशीली दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए ! क्योकि यह थोड़ी ही देर के लिए रोगी को लाभ अवश्य पहुँचाता है लेकिन कुछ समय बाद रोगी इनका आदि हो जाते है ! फिर एक दिन ऐसा आता है कि इस नशीली दवा का असर खत्म हो जाता है ! फूलो कि सेज काँटों का बिछौना बन जाता है, शीघ्रपतन पुरुष को शर्मिन्दा कर देने वाली स्त्री के हृदय से नफरत उत्त्पन कर देने वाली बीमारी से छुटकारा न मिलने पर पुरुष हमेशा के लिए स्त्री के नजरो में गिर जाता है ! अपने हृदय को ठंडा करने के लिए वह अपनी इज़्ज़त तक की परवाह न किये बिना रिस्तेदारों, पड़ोसियों, नवजवानों, नौकरों, से अपनी कामेचछा पूरी करने की लिए सम्भोग करवाती है ! फल यह होता है कि धर्म, इज़त, गृहस्थी, जीवनसुख, तथा आपसी प्रेम सब नस्ट हो जाता हैं ! रोगी शर्म कि मारे मौत को अधिक पसंद करने लगता हैं !


नपुंसकता ( नामर्दी ) IMPOTENCY


पुरुष जब सम्भोग क्रिया में स्त्री को पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं कर सके, वीर्य में शुक्रकीट ( SPERM ) का आभाव जो संतान पैदा न कर सके उसे नपुंसकता या नामर्दी कहते हैं !जिस पुरुष में स्त्री सम्भोग करने के इच्छा पैदा न हो, यदि इच्छा हो भी तो गुप्त इंद्री( लिंग ) में कठोरता या अकड़पन न हो, या कठोरता आ भी जाये तो स्त्री के पास जाते ही नरम पड़ जाये ! सम्भोग के समय स्त्री को संतुस्ट किये बिना बीर्य में शुक्रकीट का आभाव हो उसे नपुंसक कहते है ! नपुंसक रोगी में उत्तम बीर काम होता है, उसका लिंग ऐसा होता है जैसे प्राण से रहित शारीर ! उसे सम्भोग के इच्छा होती है पैर लिंग में उत्तेजना पूरी आती ही नहीं ! स्त्री को तसल्ली न हो तो वह भी मर्द से नफरत करने लगते है ! और अपने वासना के तृप्ति के लिए गलत मार्ग अपना कर शर्म हया के परवाह न कर उस सुख के तलाश में निकल पड़ती है ! जिसकी कामना हर स्त्री करती है ! कई शर्मो हया की देवियाँ चुप रह कर अपना यौवन और सौंदर्य से मिटा डालती है और अपनी शारीरिक तृप्ति के आभाव में घुट - घुट कर सुखी जीवन समाप्त कर डालती है ! जिससे मर्द तो शर्मिंदा होता है, सुखी दांपत्य तथा गृहस्थ जीवन भी बर्बाद हो जाता है तथा विवाह के बाद जिस सुखी स्वपन की कल्पना वह चाहती है, अकस्मात् खत्म होता देख विवाहित जीवन के हद तक नहीं पहुँच पाती है ! ऐसी अवस्था से पहले अनुभवी चिकित्सक द्वारा उचित परामर्श लेकर दांपत्य जीवन का आंनन्द प्राप्त करना ही स्वास्थ्य के लिए हितकारी है ! हमारी मर्दाना कमजोरी नाशक दवा के सेवन से बीर्य की कमी से हुए नपुंसकता बहुत जल्द ठीक हो जाती है ! छोटी, पतली, टेढ़ी, लिंग तथा कमजोरी हमारी स्पेशल दवा के सेवन से पति रहते लहलहाती जवान पत्नी का जब रात नहीं कटती, पलंग में काँटे चुभते है ! ऎसे लोगो के लिए अचूक रसायन है ! दवा के सेवन से बुझी हुई जवानी में जोश इस कदर शरू हो जाता है की पुरुष अपनी स्त्री की अभिलाषा पहले भोग में पूरा कर देता है ! हमारी पावरफुल दवा के सेवन से बहुत अधिक कामशक्ति के बृधि होती है, गुप्त अंग के मुर्दा नसे जिन्दा हो जाती है ! पुरुष एक रात में कई बार सम्भोग कर सकता है ! बेऔलाद मर्द भी औलाद पैदा करने के लायक बन जाता है, उनका घर स्वर्ग में बदल जाता है ! कुछ ही दिनों में नामर्द पूरा मर्द बन जाता है ! सम्भोग के समय हमेशा गुप्त लिंग मस्त और सीधी रहती है ! नपुंसक मर्दो की जिंदगी के उजड़े चमन में फिर से बहार आ जाती है !


गर्मी , आतशक ( SYPHILLIS )


यह रोग अत्यंत भयानक रोगो में से एक है ! वेश्याओ के साथ सम्भोग करने से होता है ! इस रोग में सम्भोग करने के कुछ दिन बाद इंद्री पर छोटी सी फुंसी पैदा हो जाती है ! जो जल्द ही फैलकर जख्म बन जाती है, इसका प्रथम भाव मामूली होता है, लकिन यदि इलाज में लापरवाही या देरी की जाये तो यह रोग पुस्तो तक पीछा नहीं छोड़ती ! इसके प्रथम में घाव केवल इंद्री पर होती है, और दूसरी श्रेणी में शारीर पर काले दाग तथा तांबे के रंग की फुंसियाँ और धीरे - धीरे घाव हो जाती है ! तीसरी श्रेणी आतशक का प्रभाव हड्डीयो में चला जाता है और बड़े - बड़े घाव हो कोढियो के समान हो जाती है ! तथा नाक की हड्डी गल जाती है ! यदि आतशक के कीटाणु दिमाग पर आक्रमण करे तो रोगी अन्धा हो जाता है और मृत्यु को प्राप्त होता है !


सुजाक ( GONORRHEA )


यह रोग गन्दी स्त्रियों के साथ सम्भोग करने से होता है ! इसमें सम्भोग के कुछ दिन बाद रोगी के पेशाब में जलन होनी शुरू हो जाती है ! पेशाब करते समय इतने अधिक जलन और चुभन होती है कि रोगी सचमुच कढाहता है और पेशाब करने में घबराता है ! कुछ दिन बाद गुप्त इन्द्रिा में से हर समय पीब निकलनी शुरू हो जाती है ! कभी - कभी पेशाब में खून भी आ जाता है ! ज्यों - ज्यों यह रोग पुराना होता है, पीड़ा और जलन बढ़ती जाती है, और पीब बहता रहता है ! यदि यह पीब रोगी की आँखों पर लग जाये तो अंधा होने का डर रहता है, इसलिए इस रोग के जरा भी लक्षण दिखाई देते ही फौरन इसका उचित और पूरा ईलाज करा लेना चाहिए !


स्त्री गुप्त रोग :-


औरतो में योनि मार्ग से एक प्रकार का तरल गाढ़ा चिपचिपा या लसदार जैसा धात गिरता रहता है ! कभी - कभी इतना स्राव होता है कि इसके कारण योनि मार्ग में खुजलाहट और सूजन हो जाती है ! इसके कारण काम शिथिलता, लुकोरिआ, कमर दर्द, जोड़ो में दर्द, हर समय कमजोरी, सुस्ती का अहसास होना, मासिक धर्म कम - ज्यादा या दर्द कि साथ, या समय से पहले होना, पेशाब में जलन, गर्मी और बे औलाद स्त्री पुरुष दोनों मिलें !


शराब छुड़ायें :-


शराब कि लत से कितने घर बर्बाद हो चुके है ! नशे में अपने माँ - बाप, पत्नी, बच्चो को पीटना अलग बात है ! लोग किसी की हत्या तक कर देते है ! शराब के आदत छुड़वाने के लिए शराबियों के परिवार वाले हमारे यहाँ मिले ! शराबीओं को बिना बताए बिना लाए दवा द्वारा

100 % शराब के आदत छुड़ाए !


नोट :- हमारे यहाँ पार्सल के द्वारा दवा मंगाने की सुविधा उपलब्ध है !


बर्षो से लाखों भाई - बहन आयुर्वेदिक उपचार का लाभ लेकर गुप्त रोगो से छुटकारा पा चुके है ! अतः आप भी गुप्त रोगो का मेरे यहाँ सफल ईलाज कराबें तथा खुशहाल जीवन का आंनन्द लें !अपना कोई नहीं संतान तो बेकार है धन कोठी मकान ! असाध्य गुप्त रोग, भरपूर ताकत, मस्त जवानी, एवं जबर्दस्त मर्दाना ताकत का सफल अचूक एवं स्थाई ईलाज के लिए आज ही मेलें !


कम उम्र में सेक्स के अनुभव का प्रयास युवाओं को मानसिक अवसाद की ओर ले जाता है। इससे उन में शीघ्रपतन की समस्या सामने आने लगती है। ऎसी बीमारियों का इलाज जागरूकता व शिक्षा से ही संभव है। सेक्स लाइफ का एक पार्ट है। आज कई लोग पर्याप्त काउंसलिंग के अभाव में स्वयं को इस लिहाज से समाप्त करते जा रहे है। डाक्टर्स को तरजीह दी जाए। आज का युवा वर्ग मानसिक अवसाद में आकर यौन समस्याओं का शिकार हो रहा है।


चेतावनी :- इस ब्लॉग में प्रस्तुत जानकारी चिकित्सा देखभाल के लिए एक विकल्प के रूप में है। आप इस ब्लॉग से प्राप्त किसी भी जानकारी के बारे में अपने डॉक्टर के साथ बात करें। असुविधा से बचने के लिए पहले अपॉइंटमेंट करा लें !

CONSULT TO YOUR DOCTOR.................


किसी भी तरह के आयुर्वेदिक इलाज के लिए मिलिए ! स्थाई पता :-काया कल्प क्लिनिक,बिहार नमकीन भंडार के बगल वाली गली में,यहमा मोटर साइकिल शो रूम के सामने,आर्य कुमार रोड, मछुआ टोली, पटना - 800004


समय :- सुबह :- 10-00 AM से 2-00 PM               

शाम :- 04-00 PM से 8-00 PM

Phone :- 0612 - 2721160                   

Mobile :- 9334200215 / 9279953889


Male And Female Sex Treatment Clinic


Welcome !

Dr. M. Pandey, Dr. S. Kumar, And Dr. J. Pandey,

The Director of Pandey Super Speciality Clinic Patna, Bihar, India and is having medical Qualification B.A.M.S Ayurvedacharya (Sexual Medicine - India) & is Also Member Council of Sex Education (International).


NATIONAL & INTERNATIONAL AWARD AWARDED DOCTORS


Dr.S.Kumar & Dr.Manoj Pandey ( Vaidh ),

Dr.Mrs.Jully Pandey B.A.M.S. ( Ayurvedacharya ) (K.S.D.S.U) D.U. MRSH  (London) Authentic Psycho - Sexologist And Dermatologist For Male and Female Treatment.


AWARD AWARDED

International Health Samman – Reyukai (Japan) – 2004 Ayurved Rattan Award – 2004 Servashresth Ayurved Chikitsak Award – 2005 Ayurved Shiromani Award – 2005 Patliputra Dhanwantri Award – 2005 Patliputra Charak Award – 2005


Dr. S. Kumar (Psycho-Sexologist And Dermatologist )

Dr.Manoj Pandey (Vaidh) {Psycho-Sexologist And Dermatologist}

Dr.Mrs.Jully Pandey {Gynaecologist } For Ladies Treatment


Mobile No. - 09334200215, 09279953889

Phone No. - 0612 - 2721160

Email:- kayakalpclinicpatna@gmail.com


Response of Treatment :-

As we have fully dedicated team of highly qualified, experienced, doctors, who are expert in field of sexology. After finding the cause of Dhat like secretions by above tests it is cured in most patients by two months treatment.

Contact Us :-

Name :- Dr. Manoj Pandey Vaidh / Dr. S. Kumar Member council of Sex Education (International).

B.A.M.S., Ayurvedachrya (Sexual Medicine)


Address : -

Kaya Kalp Clinic In The Street of Bihar Namkeen Bhandar, Infront of Yahama Moter Cycle Show Room, Arya Kumar Road, Machhuatoli, Patna, Bihar, India, Pin Code:- 800004

Timing : -10:00 AM - 2:00 PM, 04:00 PM - 8:00 PM


Sunday Only By Appointment

Mobile : - 09334200215, 09279953889 Phone : - 0612 - 2721160





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